श्रीराम के पास थे 16 गुण और 12 कलाएं|
भगवान राम 12 कलाओं से तो भगवान श्रीकृष्ण सभी 16 कलाओं से युक्त हैं। यह चेतना का सर्वोच्च स्तर होता है।
इसीलिए प्रभु श्रीराम को पुरुषों में उत्तम और भगवान और श्रीकृष्ण को जग के नाथ जगन्नाथ और जग के गुरु जगदगुरु कहते हैं।
16 गुण :
1. कृतज्ञ (आभारी या आभार जताने वाला विनम्रता)
2. सत्य (सत्य बोलने वाला और सच्चा)
3. दृढ़प्रतिज्ञ (प्रतिज्ञा पर अटल रहने वाला, दृढ़ निश्चयी )
4. गुणवान (योग्य और कुशल)
5. किसी की निंदा न करने वाला (प्रशंसक, सकारात्मक)
6. धर्मज्ञ (धर्म का ज्ञान रखने वाला)
7. प्रियदर्शन (सुंदर मुख वाला)
8. मन पर अधिकार रखने वाला (जितेंद्रीय)
9. क्रोध जीतने वाला (शांत और सहज)
10. सदाचारी (धर्मात्मा, पुण्यात्मा और अच्छे आचरण वाला, आदर्श चरित्र)
11. सभी प्राणियों का रक्षक (सहयोगी)
12. विद्वान (बुद्धिमान और विवेक शील)
13. कांतिमान (चमकदार शरीर वाला और अच्छा व्यक्तित्व)
14. वीर्यवान (स्वस्थ्य, संयमी और हष्ट-पुष्ट)
15. युद्ध में जिसके क्रोधित होने पर देवता भी डरें : (वीर, साहसी, धनुर्धारि, असत्य का विरोधी)
16. सामर्थशाली (सभी का विश्वास और समर्थन पाने वाला समर्थवान)
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जय श्री राम || 🏹🚩
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